उपरोक्त खेलों में जो भ्रस्टाचार उजागर हुवा है , मुझे लगता है ये उन्ही के द्वारा उठाया गया है जिन्हें इसमें भागीदारी नहीं मिली। अन्यथा ५५% जनता को तो यही नहीं मालूम की ये आयोजन होता क्या है और ३५% जनता को फुर्सत नहीं की इस ओर देखे। इस देश का ये दुर्भाग्य है क़ि यह देश सदियों से लुटता आया है कभी विदेशियों से ओर कभी अपनों से।
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